Pages

Wednesday 3 October 2012

तुम बसी हो कण कण अंदर माँ (वीडियो)

तुम बसी हो कण कण अंदर माँ,

हम ढुढंते रह गये मंदिर में.

 हम मूढमति हम अज्ञानी,

माँ सार तुम्हारा क्या जाने.


0 comments:

Post a Comment

 

Blogger news

Blogroll

About