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Saturday 9 April 2011

क्रिकेट वालपेपर (नए)

















Chris cairns,Andrew Flintoff,Shoaib Akhtar,Shahid Afridi,Shoaib Malik,Murali Kartik,Sohail Tanvir,Team Australia,Kamran Akmal,Vvs Laxman,Misbah-ul-Haq,Sourav Ganguly, Waqar Younis,Wasim Jaffer,Younis Khan wallpapers

Sachin Tendulkar,सचिन रमेश तेंडुलकर

व्यक्तिगत सूचना

पूरा नाम : सचिन रमेश तेंदुलकर

जन्म : 24 अप्रैल 1973 (आयु 38)

मुंबई, महाराष्ट्र, भारत.







उपनाम : लिटिल मास्टर, टेंडल्या, द गाड ऑफ क्रिकेट, मास्टर ब्लास्टर, द मास्टर, द लिटिल चैम्पियन.


कद : 5 फुट 5 इंच (1.65 मी.)

बैटिग शैली : दायें हाथ के बल्लेबाज़

बौलिंग शैली : राईट आर्म लेग स्पिन, ऑफ स्पिन, मीडियम पेस.


रोल : बैट्समैन

अंतर्राष्ट्रीय जानकारी


राष्ट्रीयता : भारतीय

Test debut(cap 187)
15 November 1989 v Pakistan

Last Test 26 December 2010 v South Africa

ODI debut(cap 74) 18 December 1989 v Pakistan

Last ODI 24 February 2010 v South Africa

एकदिनी शर्ट संख्या : 10

Friday 8 April 2011

"ब्लॉग लिखे जाने के सात महत्वपूर्ण कारण "

एक ब्लॉगर था अन्जाना सा, एक लड़की पे वो मरता था. कुछ कहना था उसे, जाने किससे डरता था. वह सोच नहीं पा रहा था कि कैसे कहे.

बस क्या था , एक रोमांटिक सी कविता अपने ब्लॉग पर लिख मारी और वेबपता अपनी लैला को थमा दिया.

फ़िर क्या होना था, अरे गुरु ! लड़की पट गई.

जब लगी हो कलेजे में प्यार की आग,
तो फ़िर बनाओ एक प्यारा सा ब्लॉग.
लिख डालो एक ह्रदय-स्पर्शी राग,
बच्चा ज़रूर ही खुल जायेंगे, तुम्हारे भाग.

2. एक पिता अपनी चार साल की बेटी की रोज़-रोज़ की बातें अपने ब्लॉग पर लिखता है,
ताकि जब उसकी बेटी बड़ी हो जाए तो यह जान सके कि कितने प्यार-दुलार और कष्टों से माँ-बाप एक बच्चे को पालते हैं,
( और बच्चे बड़े होकर नालायक हो माँ-बाप का अपमान करते हैं. )

जिससे वह अपने माता-पिता के प्रति संवेदनशील हो सके.

उनके प्यार को महसूस कर सके, उनकी चिंताओं को समझ सके. जब उसे घर लौटने में देर हो तो वह फोन कर सके. वगैरा-वगैरा.

एक और कारण उनकी ब्लॉगिंग का था कि जब बेटी विवाहित होकर ससुराल चली जाए तो वह अपनी बेटी की करीबी अपने इस ब्लॉग के जरिये महसूस कर सकें.

ओ मेरी लाडो , तू मुझसे कभी दूर न जाना.
मैं तेरा बाबुल तू मुझसे कभी रूठ न जाना.
मैंने तेरे लिए बितायीं हैं रातें जाग कर,
तेरी विदाई के बाद तुझे देखूँगा इस ब्लॉग पर.

3. आप ने 'कुछ-कुछ होता है' देखी है, उसमें रानी मुखर्जी अपनी बेटी के लिए कुल 8 चिट्ठियाँ छोड़ जाती हैं, जो उनकी बेटी को 8 सालों तक उसके हर जन्मदिन पर मिलती रहती है.

ठीक वैसे ही एक माँ ने अपनी बेटी के लिए कुल सत्रह (post) लेख ब्लागस्पाट पर ब्लॉग बनाकर sheduled कर रखे हैं, जो उसके हर जन्मदिन पर प्रकाशित हो जायेंगे, अपने आप.

उसकी बेटी चाहे जहाँ रहेगी, पर वहाँ से अपनी माँ की लिखी चिट्ठियाँ नेट पर देख पाएगी.

मेरी बच्ची, मैं जिन्दा हूँ तुम्हारे लिए,
मैं आऊंगी मिलने तुझसे तेरे हर जन्मदिन पर.
तू रोना नहीं,मन लगा के पढ़ना, स्कूल जाना
और अपने पापा का ख़याल रखना.

4. एक कक्षा 8 में पढने वाला लड़का ब्लॉग लिखता है, ताकि वह इन्हें पढ़ सके जब वह 40-50 का हो जाए. उस समय वह सोचे कि बचपन में वह कैसी सोच रखता था.

ओह ! तो मैं ऐसा बौड़म था.
या फ़िर
जब मैं छोटा था तो ही ठीक था, अब बड़ा हो के बौड़म हो गया हूँ.

5. जब से तिवारी जी गुजर गए, उनकी पत्नी अपने पति की याद में ब्लॉग लिखती हैं.

हिन्दी की इतनी दर्द भरी कवितायें शायद कहीं और नहीं मिलेंगी.

पढ़ कर न रोये तो मुझे मार लीजियेगा, ऐसी दर्द भरी हैं.

सन 1995 से लिख रही हैं, सोच लीजिये कि कितनी सारी कवितायें उनके ब्लॉग पर होंगी.

(भाई, एक सवाल मत करना कि उस जमाने में कौन सी मशीन से वह हिन्दी लिखती थीं.)

इन्हीं ब्लॉग की कविताओं पर उनका एक काव्य-संग्रह भी छपा है. पैसा भी काट रही हैं.

ब्लॉग लिख-लिख के पैसा कमाना तो बड़ा ही आसान है. पैसे के लिए मेरे अन्य लेख पढ़ें.

6. शमीम लिखता है ताकि वह अपनी पढ़ाई का खर्चा निकाल सके, और अपनी बीमार माँ की दवाई की व्यवस्था कर सके.

उसके अब्बू को दुबई में नौकरी करनी पड़ती है, शमीम की बहन सुल्ताना अपने ब्लॉग पर ट्रांसलेशन करती है ताकि उसके अब्बू दुबई से चेक कर सकें और अपनी बेटी को पढ़ा सकें.

7. पाण्डेय जी की आठ बेटियाँ हैं. आठों मिलकर एक ब्लॉग चलाती हैं. यह ब्लॉग पारिवारिक है, जिसमें सभी अपने-अपने परिवार के बारे में लिखती हैं और बतियाती रहती हैं.

कल ही सुमन ने कुछ इस तरह अपनी छोटी बहन को संबोधित करते हुए लिखा था कि : ए कुसुम ! मेरी सास तो बड़ी जलकुकड़ी है यार. कल जब दूध में थोडी सी मलाई चली गई थी तो कह रही है कि मुझे घी और मलाई देकर मोटी बनाना चाहती हो, और आज जब दूध में मलाई नहीं दी तो बुड्ढी बैठी सुबक रही है कालोनी की औरतों को जमा करके कह रही है कि अब मेरा इस घर से दाना-पानी उठने वाला है. बहू ने मलाई वाला दूध देना बंद कर दिया है और चाहती है कि मैं मर जाऊं.

7. सातवाँ कारण यह ई-गुरु राजीव आप को देता है :-

यदि आप लड़की हैं तो आप का एक ब्लॉग तो होना ही चाहिए हर हालत में.

लिपस्टिक भूलो मगर ब्लॉग नहीं. यह तो आज का फैशन हो गया है.

21 सदी की नारी और उसका अपना ब्लॉग नहीं !!!! What a shame !!!

लो मैं ही तुम्हें कुछ नाम सुझाएँ देता हूँ कन्याओं .

1. टांग-तोडू

2. कसौटी ज़िन्दगी की

3. कहानी तेरी मेरी

4. पुरुषों की ऎसी-तैसी

5.पुरूष-युग का अंत

6. महिला-काल

7. महिला-युग

8. दिल से....

9. छठी का दूध

10. पुरूष या पशु

11. 21 वीं सदी की नारी

12. आज की नारी

13. मेरा साया

14. चलते-चलते

15. आधुनिका

16. तीसरी दुनिया

17. आधी आबादी

18. पुरुषों की बर्बादी

कहिये मोहतरमा कैसा लगा !!! तो मैं आज ही एक ब्लॉग पक्का समझूं.

यदि कोई समस्या हो तो यह ई-गुरु राजीव किस लिए है.

अब एक सलाह पुरुषों के लिए :-

क्या अब पुरुषों को भी सलाह देनी पड़ेगी !!!!!

अरे यार ! तुम लोगों ने अब तक अपना ब्लॉग नहीं बनाया !!!

ऐ तेरी...

अमाँ जाओ... हद कर देते हो.

यहाँ लोग ब्लॉग बना ले रहे हैं, सजा ले रहे हैं और कमा भी रहे हैं.

तुम लोग भी यार.

पहिले ब्लॉग बनाओ फ़िर मेरे से बात करना.

जमाना कहाँ से कहाँ निकल गया.

जमाना कम्पूटर , इंटरनेट हो गया है और अभी तक तुम........चलो, अब जब मेरे ब्लॉग पर आ गए हो तो समझो परमात्मा मिल ही जायेंगे.

अभी भी यह छूट चुकी ट्रेन मैं पकड़वा सकता हूँ, पूछो मुझसे कि कैसे ब्लॉग बनाएं, सजाएं और कमायें.

जैसे अंग्रेज़ी आना जरूरी हो गया है आज के समाज के लिए (एक ग़लतफ़हमी)

ठीक वैसे ही आज के समाज में यदि आप का एक ब्लॉग नहीं है तो आप महा-मूर्ख माने जायेंगे. (एक सच्चाई)

अरे तुम्हारा पड़ोसी टुन्ना ब्लॉग लिखता है,

अमिताभ बच्चन ( आँय-आँय) करके ब्लॉग लिखता है.

मनोज वाजपई ब्लॉग लिखता है.

अबे, आमिर खान भी ब्लॉग लिखता है.

अरे वो आजतक वाला पुण्य प्रसून वाजपेयी था न, अब उसकी दाल यहाँ गल रही है

नीतीश कुमार, मोदी-वोदी, आडवाणी सब यहीं पर जमे हैं


जिसका ब्लॉग नहीं वो समझो इडियट कांग्रेसी है. कल थरूर मिला था, कहने लगा की काश मैंने भी ट्वीट की जगह ब्लॉग बनाया होता.
(थरूर ने तो बस दो-चार ट्वीट की थी, बेचारा बर्बाद हो गया.)

हर पढ़ा-लिखा आदमी ब्लॉग लिख रहा है.

तुमहीं मेरे मोहन क्यों पीछे रह गए !!

अच्छा ये सब छोड़, शर्मा की बेटी का ब्लॉग देखा !!

क्या कहा कौन शर्मा !!

अरे सुहानी शर्मा, यार (तेरे सामने वाली खिड़की में, एक चाँद का टुकडा....) याद आया बच्चू.

हमसे भोले बनोगे तो जूते पड़ेंगे.

देख पुरूष-जाति ! तू तीन वर्गों में विभक्त है -

1. परुष पुरूष

2. पोंछ्चोरौना पुरूष

3. छिछोरे पुरूष

नीचे से शुरू करता हूँ,

छिछोरे हैं तो इससे मजेदार बात तो और कोई हो ही नहीं सकती है. एक ब्लॉग बनाइये और इन लड़कियों के चिट्ठों पर छिछोरे कमेन्ट कीजिए.

अरे भई, छेड़ने में जो स्वर्गीय आनंद है, वह संसार की किसी और चीज़ में कहाँ.

पर संभल के भाई, इस स्वर्गीय आनंद में स्वर्गीय हो जाने का खतरा भी है.

यदि पोंछ चोरौना हैं तो
ऐ साहेब ! आप को अपनी पूँछ चुराने के कई बहाने और जगहें मिल जायेंगी.

जैसे फलानी जी, डिमकानी जी, लिम्कानी जी , इनके चिट्ठे पर जाइए और इन्हें पढ़ कर कहिये कि ' आप बहुत अच्छा लिखती हैं ' ' आप दिल से लिखती हैं ' ' अत्यन्त मार्मिक लिखा है आप ने ' ' एकदम दिल को छू गया ' ' अति उत्तम विचार '

यदि आप मर्द हैं तो भाई मैं तुम्हारे पैर पकड़ कर कहता हूँ कि एक ब्लॉग बना लो, मैं तुम्हारे साथ हूँ.

आज इस हिन्दी के ब्लॉग जगत में शेरों का अभाव हो गया है. इस ब्लॉग-वन के सिंह बन जाओ और राज करो.

तुम किंग बन जाओ और मैं किंग-मेकर और तुम्हारा प्रधानमन्त्री बन जाता हूँ.

सच कहूं यार तो ब्लॉग जगत में सुपर ब्लॉगर अभी तक कोई नहीं है..............

तुम हो सकते हो, अगर चाहो.........

200 से ज्यादा ब्लॉग फॉलोवर नहीं !!

आज जब मैं एक ब्लॉग से जुड़ने के लिए फॉलोवर का प्रयोग कर रहा था तो ब्लॉगर की एक जोरदार सूचना मेरे सामने आ गई.

{ फिलहाल आप जिन ब्लॉग का अनुसरण करते हैं उनमें से कुछ का अनुसरण बंद कर दें. }

मैं एकदम चौंक गया कि ये क्या मैं इस प्यारे से ब्लॉग का फॉलोवर नहीं बन सकता !!

क्यों ? यही तो मेरा सवाल था.

जवाब जानने के लिए इस फोटो पर क्लिक करके देखें, ब्लॉगर की मुझे दी गई सूचना.



यानी कि कोई भी व्यक्ति 200 से ज्यादा चिट्ठों को फॉलो नहीं कर सकता है.

साथ ही यह भी आप जानिए कि यदि आप यूँ ही किसी ऐरे-गैरे ब्लॉग के फॉलोवर बन जाने की आदत वाले हैं तो इसे तुंरत छोड़ दें. कहीं ऐसा न हो कि आप फ़िर किसी को फॉलो करने के लायक ही न रह पायें.

तो फ़िर चुन लें अच्छे-अच्छे ब्लॉग और बस उनके ही फॉलोवर बनें न कि हर किसी ब्लॉग के.

कहीं ऐसा न हो कि मजबूरन कुछ ब्लॉग के फॉलोवर्स की सूची से आपको अपने पाँव पीछे खींचने पड़े.
 

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